Input Device क्या है? इनपुट डिवाइस की परिभाषा और इसके प्रकार 2025

Input Device आज हम इस आर्टिकल में इनपुट device के बारे में सीखेंगे। Input Device क्या है? Input Device के प्रकार? Input Device कौन कौन से होते है? इनपुट डिवाइस की परिभाषा क्या है? आदि। Input Device की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेगी।

Input Device क्या है? इनपुट डिवाइस की परिभाषा और इसके प्रकार 2025
Input Device क्या है? इनपुट डिवाइस की परिभाषा और इसके प्रकार 2025

Input Device क्या है?

Input Device इनपुट डिवाइस वह डिवाइस होते है, जिनके द्वारा यूजर अपने डाटा या निर्देशों को कंप्यूटर में इनपुट भेजता हैं। Input Device, एक हार्डवेयर और पेरिफेरल डिवाइस होते है, जो कंप्यूटर में डाटा या निर्देश को भेजने में उपयोग होता है। 

दुसरे शब्दों में कहा जाए तो वैसा डिवाइस जो कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देने के लिए उपयोग होता है, उसे input डिवाइस कहा जाता है। यह यूजर को कंप्यूटर से कम्यूनिकेट (बातचीत) करने में मदद करता है। 

Input Device वह डिवाइस होते है जो हमारे दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कंप्यूटर सीपीयू तक हमारे निर्देशों को पहुँचाते हैं उसे हम इनपुट-डिवाइस करते है। 

हम जिस डिवाइस के जरिये कंप्यूटर को Instruction देते हैं, उस डिवाइस को इनपुट device कहते हैं। अर्थात कंप्यूटर जिस डिवाइस के जरिये हमसे डाटा या सुचना लेता हैं उसे इनपुट-डिवाइस कहते हैं। 

इसके अलावा आप जानते होंगे कि इनपुट Device भी एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं। ये डिवाइस कंप्यूटर के part होते हैं। हम जिस भी डिवाइस से कंप्यूटर पर इनपुट देते हैं। आसान भाषा में उसे ही input डिवाइस कहते हैं। 

इनपुट device के कुछ उदहारण , जिससे आपको समझने में आसानी होगी। E.g. :- Keyboard, Mouse, Scanner, Light Pen, Micro Phone, Etc. इन सभी input डिवाइस के जरिये हम कंप्यूटर में input देते हैं। चलिए उदहारण को विस्तार से समझते हैं। 

इनपुट डिवाइस की परिभाषा?

वह उपकरण जिनके द्वारा कंप्यूटर में डाटा या निर्देश को निर्देशित किया जाता है, input डिवाइस कहलाता है। आसान सब्दों में परिभाषित करें, तो इस डिवाइस के द्वारा कंप्यूटर में डाटा या निर्देश को इनपुट किया जाता है।

उपयोगकर्ता के द्वारा, कंप्यूटर में डाटा या निर्देश जिन उपकरण के जरिये इनपुट किया जाता है, उन्हें input डिवाइस कहा जाता है। यह उपकरण, उपयोगकर्ता द्वारा दी गयी जानकारी को कंप्यूटर तक पहुंचाता है।

इनपुट डिवाइस के प्रकार?

माउस (Mouse)

माउस एक हार्डवेयर और इनपुट device है। इसके जरिए हम कंप्यूटर को निर्देश देते है। माउस की मदद से हम कंप्यूटर में दिखने वाले तीर के आइकन जिसे कर्सर या प्वाइंटर कहते है, को इधर उधर move कर सकते है तथा स्क्रीन पर दिखने वाली किसी भी बटन या मेनू पर आसानी से क्लिक कर सकते है।

माउस, कंप्यूटर में प्वाइंटर या कर्सर के जरिए ही कार्य करता है, इसलिए इसे Pointer Device भी कहते हैं। यह कंप्यूटर और यूजर के बीच एक interface की तरह काम करता है। 

mouse input device

क्यूंकि यूजर ही माउस के जरिए कंप्यूटर को instruction या इनपुट देता है। कंप्यूटर के अंदर किसी भी हिस्से में माउस के जरिए जाना संभाव है। हम इसके जरिए कंप्यूटर के किसी भी हिस्से में आसानी से जा सकते है। 

माउस एक छोटा सा सूचक उपकरण होता है, जिसे मेज के सतह पर या माउस पैद पर रखकर उपयोगकर्ता द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। यह एक कर्सर के जरिए स्क्रीन पर कार्य करता है। 

माउस कितने प्रकार के होते है?

माउस कई प्रकार के होते हैं। वैसे तो मार्केट में अलग-अलग प्रकार के माउस उपलब्ध है। अलग-अलग डिजाइन, लुक, इंटरफेस, और कनेक्टिविटी के आधार पर इनको बातां गया है। 

मुख्य रूप से दो प्रकार के माउस मार्केट में ज्यादा चलन में हैं, ऑप्टिकल माउस और वायरलेस माउस। इसके अलावा भी कई प्रकार के माउस होते हैं। चलिए विस्तार से सभी प्रकार के माउस के बारे में जानते हैं।

1) Optical Mouse

ऑप्टिकल माउस light source का प्रयोग करते हैं। यह माउस की स्थिति और हलचल को track करने के लिए optical electronic का इस्तेमाल करती है, जिसमें LED और light detector शामिल है।

आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ऑप्टिकल माउस ही है। इस माउस के नीचे आपको एक Red लाइट दिखाई देगी। इनमें एक बहुत ही ज्यादा छोटा (tiny low resolution) वाला कैमरा लगा होता है। जो हर सेकड में 1000 या इससे अधिक बार पिक्चर्स लेता है।

optical mouse

ऑप्टिकल माउस एक आधुनिक उपकरण है जिसे वर्तमान में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें Light Emitting Diode यानी LED का प्रयोग, माउस द्वारा तय की गई दूरी को डिटेक्ट करने के लिए किया जाता है। 

यह माउस, इससे पहले इस्तेमाल होने वाले mechanical mouse से बेहतर और standard रूप है। क्यूंकि ये दूसरे सभी प्रकार के माउस से ज्यादा विश्वशनीय होते है। और इसमें maintenance की आवश्यकता काम पड़ती है। 

लेकिन ये आपके इस्तेमाल करने के तरीके और type of surface पर depend करता है। जिनके ऊपर इन्हे operate किया जाता है। बेहतर अनुभव के लिए आप इसे touch pad के ऊपर रखकर चलाए।

2) Mechanical Mouse

मैकेनिकल माउस एक ऐसा माउस होता है जिसके अंदर एक धातु या रबर बॉल का इस्तेमाल होता है। इसलिए इसे Ball Mouse भी कहा जाता है। 

जब ये बॉल किसी भी दिशा में चलती या हिलती है, तो इसमें लगे सेंसर इस movement को detect करते है। और कंप्यूटर स्क्रीन में उसी दिशा में प्वाइंटर या कर्सर को move करते है।

Mechanical Mouse

इन माउस का उपयोग पुराने समय में सबसे अधिक होती थी। अब इनकी जगह ऑप्टिकल माउस ने ले लिया है। इससे पहले के माउस में wheel यानी एक छोटे से धातु का पहिया लगा होता था, जिससे माउस को हर दिशा में घुमाने या चलाने में दिक्कत होती थी। लेकिन मैकेनिकल माउस के आने से यह आसान हो गया।

मैकेनिकल माउस corded variety के होते है यानी wire के साथ ही आते है। इनकी परफॉर्मेंस high होती है, लेकिन इन्हें समय-समय पर सफाई की खास जरूरत होती है।

मैकेनिकल माउस अब चलन में नहीं है, यह अप्रचलित हो चुके हैं क्योंकि इनका स्थान अब ऑप्टिकल माउस ने ले लिया है। 

3) Wireless Mouse

वायरलेस माउस ऐसे माउस होते है, जिनमें किसी प्रकार का कोई वायर नहीं होता है। इन माउस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए wire या cable का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

इन्हे Cordless Mouse के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए cable की जगह कनेक्टिविटी के लिए Bluetooth, WiFi, infrared, etc. का इस्तेमाल होता है।

Wireless Mouse

ऐसे माउस जो किसी भी तरह के wire या cable कनेक्शन का इस्तेमाल नहीं करते है, वे वायरलेस माउस कहलाते है। ऐसे माउस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए वायरलेस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। 

इसे कनेक्ट करने के लिए आपको अपने कंप्यूटर में एक USB receiver को plug in करना होता है। इस माउस बैटरी से चलते हैं, और सेंसर detect करने के लिए ऑप्टिकल माउस में उपयोग होने वाले टेक्नोलॉजी का उपयोग करते है। 

4) Trackball Mouse

इस माउस में भी ऑप्टिकल माउस टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है। और इसका डिजाइन, लुक, और बनावट भी ऑप्टिकल माउस जैसा ही होता है। बस इसमें अंतर केवल trackball का होता है, को नियंत्रण करने के लिए इस्तेमाल होता है। 

Trackball Mouse

उपयोगकर्ता, कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए इसमें लगे trackball को अपनी उंगली, या अंगूठे से घुमाते है। इस तरह के माउस में गति बहुत कम होती है। और इसे चलाने में समय भी ज्यादा लगता है।

5) Stylus Mouse

Input Device Stylus Mouse एक पेन की तरह होता है, जिस तरह हम पेन को उंगलियों में दबाकर लिखते है, उसी तरह इस माउस को भी उंगलियों में बीच में दबाकर चलाया जाता है। 

इसमें एक छोटी सी पहिया भी लगी होती है। जिसे ऊपर नीचे खुमया जाता है। इसका इस्तेमाल पेज को ऊपर नीचे करने के लिए होता है। 

Stylus Mouse

Stylus Mouse को gStick Mouse भी कहा जाता है। क्यूंकि ये पेन के stick की तरह होती है, और इसका आविष्कार गॉर्डन स्टीवार्ड (Gordon Steward) ने किया था, इसलिए इसका नाम gStick जिसमें “g” का मतलब Gordon होता है, कहा जाता है। 

कीबोर्ड (Keyboard)

कीबोर्ड, कंप्यूटर का एक input डिवाइस होता है। एक कीबोर्ड में कई सारे बटन होते है। यह कंप्यूटर का एक पेरीफेरल है, जो टाइपराइटर के कीबोर्ड जैसा होता है। कीबोर्ड आंशिक रूप से टाइपराइटर के की-बोर्ड की भांति होता है, इसलिए इसे टाइपराइटर जैसी कीज के एक सीट के रूप में परिभाषित किया गया है। 

कीबोर्ड का इस्तेमाल मुख्य रूप से कंप्यूटर में टाइपिंग, डाटा एंट्री जैसे text, numerical डाटा, symbols, commands और इसके अलावा भी कई प्रकार के डाटा को enter करने के लिए किया जाता है।

keyboard input device

कीबोर्ड के जरिए कंप्यूटर को इनपुट दिया जाता है। जिसके बाद उस डाटा को मशीन लैंग्वेज में बदल दिया जाता है। जिससे कि CPU (Central Processing Unit) उस डाटा और इंफॉर्मेशन या इंस्ट्रक्शन को समझ सके।

कीबोर्ड कितने प्रकार के होते है?

कीबोर्ड कई प्रकार के होते हैं। मुख्य रूप से दो प्रकार के कीबोर्ड के बारे में ज्यादातर लोगों को पता है, कंप्यूटर डेस्कटॉप कीबोर्ड और लैपटॉप कीबोर्ड। 

इसके अलावा भी कई प्रकार के कीबोर्ड होते है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते है। चलिए विस्तार से सभी प्रकार के कीबोर्ड के बारे में जानते है। 

Laptop Keyboard

लैपटॉप के साथ जो कीबोर्ड In-build होकर आता है, उसे लैपटॉप कीबोर्ड कहते है। ये कीबोर्ड QWERTY Version कीबोर्ड होता है। लैपटॉप के साइज के अनुसार इसके कीबोर्ड को डिजाइन किया जाता है।

laptop keyboard

इसलिए लैपटॉप कीबोर्ड का layout नॉर्मल कीबोर्ड से थोड़ा अलग होता है। लैपटॉप का साइज छोटा होने के कारण इसके कीबोर्ड के दाई तरफ वाले Numeric Function Keys को हटा दिया जाता है। 

इसमें कुछ extra keys होते है जैसे – power button, volume up and down button, brightness up and down button, play button, mute button, etc.

Multimedia Keyboard

Multimedia, नाम से ही अंदाजा लग जाता है कि इसमें मल्टीमीडिया की सभी सुविधा होगी। ये सबसे ज्यादा लोकप्रिय कीबोर्ड प्रकारों में से एक है। और मार्केट में इस कीबोर्ड की बहुत ज्यादा मांग (Demand) है।

multimedia keyboard

यह कीबोर्ड, नॉर्मल कीबोर्ड जैसा ही होता है, बस इसमें कुछ मल्टीमीडिया के extra features होते है। जैसे – play / pause बटन, volume up / down बटन, stop button, next बटन, rewind बटन, आदि।

Gaming Keyboard

गेमिंग कीबोर्ड, नॉर्मल कीबोर्ड और मल्टीमीडिया कीबोर्ड से थोड़ा अलग होता है। इस कीबोर्ड में एक्स्ट्रा फीचर के रूप में multimedia keys के साथ साथ illuminated keys भी होते है। 

Illuminated Keys का उपयोग रात के समय अंधेरे में game खेलने के लिए किया जाता है। जब कीबोर्ड के बटन अंधेरे की वजह से दिखाई नहीं देता है, तो उस वक्त illuminated keys काफी काम आता है। 

gaming keyboard

इसके अलावा गेम खेलते वक्त मल्टीमीडिया कीज का इस्तेमाल music या game की volume बढ़ाने और कम करने में काम आती है, और साथ ही साथ गाने बदलने में काम आती है। इसके अलावा और भी कई कार्य में मल्टीमीडिया कीज उपयोगी है।

Membrane Keyboard

Membrane कीबोर्ड एक अलग प्रकार का कीबोर्ड होता है। इसके बटन एक दूसरे के साथ जुड़े होते है, यह कीबोर्ड पारदर्शी प्लास्टिक के आवरण से ढकी होती है, और स्पीड बहुत slow यानी काम होती है। 

membrane keyboard

इस प्रकार के कीबोर्ड का लाभ केवल यही है कि यह काफी सस्ते होते है और यह रबड़ जैसी membrane से ढका होता है जिस कारण ये गन्दा कम या ना के बराब होता है। 

और नुकसान यह है कि इसकी गति बहुत ज्यादा काम होती है, जिस वजह से इसमें टाइपिंग कर पाना काफी मुश्किल होता है। 

Mechanical Keyboard

आज के समय में मैकेनिकल कीबोर्ड का इस्तेमाल काफी कम हो गया है। लेकिन फिर भी काफी स्थानों पर इसका इस्तेमाल आज भी होता है। यह कीबोर्ड बहुत ज्यादा टिकाऊ और long lasting होते है। 

mechanical keyboard

इस कीबोर्ड के कीज को press करने पर ध्वनि उत्पन होता है। इसमें कीज के नीचे spring लगी होती है, और प्रत्येक keys के नीचे real physical बटन का इस्तेमाल होता है। 

मैकेनिकल कीबोर्ड की keys बहुत सॉफ्ट होते है। यह कीबोर्ड बहुत ज्यादा टिकाऊ और उपयोग करने में आरामदायक होता है। यह मार्केट में ज्यादा महंगी नहीं होते है, इसे कोई भी व्यक्ति आसानी से खरीद सकता है।

Wireless Keyboard

वायरलेस कीबोर्ड, इसके नाम से पता चलता है कि इस प्रकार के कीबोर्ड में वायर नहीं होते है। यानी यह कीबोर्ड बिना किसी केबल या तार के इस्तेमाल किया जाता है और इसे Bluetooth / WiFi के जरिए डिवाइस से जोड़ा जाता है। 

wireless keyboard

इस कीबोर्ड को रेडियो फ्रीक्वेंसी, ब्लूटूथ, वाईफाई या इंफ्रा रेड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके उपयोग में लाया जाता है। इस कीबोर्ड की खासियत यह है कि इसे आप कंप्यूटर या लैपटॉप से 10 मीटर दूर रहकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं और टाइपिंग कर सकते हैं।

Ergonomic Keyboard

यह सबसे अलग प्रकार का कीबोर्ड होता है। यह एक विशेष प्रकार का कीबोर्ड होता है जो यूजर्स के comfort और काम को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

ergonomic keyboard

यह कीबोर्ड यूजर्स के लिए अन्य सभी कीबोर्ड की तुलना में उपयोग करने में अधिक आराम देता है। टाइपिंग के दौरान हाथ और कलाई के मासपेशियों में होने वाले दर्द को काम करने के लिए इस कीबोर्ड को बनाया गया है। 

एर्गोनोमिक कीबोर्ड यूजर्स के काम करने की स्पीड को बढ़ाता है, और साथ ही साथ टाइपिंग करने के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करता है। 

यह कीबोर्ड V shape में डिजाइन किया जाता है, जिससे यूजर्स को टाइपिंग करने में आसानी होती है, और वो दोनों हाथो से टाइपिंग कर पाते है। जिससे टाइपिंग की स्पीड काफी ज्याद बढ़ जाती है।

Roll-Up Keyboard

Roll-Up Keyboard सफर में इस्तेमाल करने के लिए सबसे बेस्ट और बेहतर है। इसे High Elastic Polymer से बनाया जाता है, जो एक Portable Keyboard होता है। 

Roll-Up Keyboard को Foldable Keyboard भी कहा जाता है। क्योंकि इसे सिलिंडर के आकार में मोड़कर कहीं भी एक बॉक्स में ले जाया जा सकता है। 

roll up keyboard

बहुत ज्यादा यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह सबसे बेस्ट कीबोर्ड है। जब चाहे अब इसका इस्तेमाल करें और काम खत्म होने के बाद इसे मोड़कर बग में या बॉक्स में रख लें। 

यह की-बोर्ड बहुत कम बिजली का उपयोग करता है और साथ ही साथ वाटर प्रूफ भी होता है। यह कीबोर्ड अच्छे तो होते हैं पर बहुत ज्यादा टिकाऊ नहीं होते है। क्योंकि बार-बार मोड़ने से इसके circuit के short होने का खतरा ज्यादा होता है। 

Virtual Keyboard

Virtual कीबोर्ड कोई हार्डवेयर डिवाइस नहीं होता है, बल्कि ये एक सॉफ्टवेयर होता है। इस कीबोर्ड को हम अपने हाथो से उठा नहीं सकते। इसे हमे अलग से carry करने की जरूरत नहीं होता है, क्यूंकि ये हमारे डिवाइस के अंदर सॉफ्टवेयर के रूप में होता है। 

जैसे – स्मार्टफोन में टाइपिंग करने के लिए फोन के अंदर एक कीबोर्ड एप्लिकेशन होता है, जिसके जरिए हम अपने स्मार्टफोन में टाइपिंग करते है। 

इसके अलावा कंप्यूटर या लैपटॉप में Window + R टाइप करने के बाद Run Command में OSK लिखकर Ok करने पर Virtual Keyboard खुलता है। 

स्कैनर (Scanner)

स्कैनर भी एक इनपुट-डिवाइस होता है। स्कैनर मशीन के जरिए किसी भी पेज, डॉक्यूमेंट, फोटो, आदि जिसमे पहले से चित्र, डाटा या सूचना होती है, उसे स्कैन करके सीधे कंप्यूटर में इनपुट किया जाता है। 

Scanner - Input Device

इस प्रक्रिया को आमतौर पर फोटो स्कैन करना, डॉक्यूमेंट स्कैन करना या पेज स्कैन करना कहा जाता है। स्कैन करने के बाद इन डाक्यूमेंट्स या फोटोज को edit भी किया जा सकता है। 

माइक्रोफोन (Microphone)

माइक्रोफोन, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर हम फ़ोन पर बात करने के लिए, या फिर वॉइस रिकॉर्ड करने के लिए करते है।

Microphone - Input Device

यह भी एक इनपुट-डिवाइस है। यूजर जो भी बोलता है, माइक्रोफोन उसे रिकॉर्ड करता है और कंप्यूटर या मोबाइल में इनपुट देता है। 

लाइट पेन (Light Pen)

लाइट पेन भी एक इनपुट-डिवाइस होती है। इसका इस्तेमाल कंप्यूटर की स्क्रीन के डिस्प्ले पर कोई चित्र या ग्राफ़िक्स को बनाने के लिए किया जाता है। 

Light Pen - Input Device

इसके अलावा टच स्क्रीन वाले कंप्यूटर में इसका इस्तेमाल डिस्प्ले टच करने के लिए भी किया जाता है। इसे पॉइंटर डिवाइस भी कहा जाता है। 

बार-कोड रीडर (Barcode Reader – BCR)

बार-कोड रीडर भी एक इनपुट-डिवाइस होता है। इसका इस्तेमाल बारकोड लाइन्स में छुपे कोड को रीड करने के लिए किया जाता है। 

barcode reader, input device

Barcode, Black color के vertical lines होते है, जिसके अन्दर बहुत सारी जानकारी छुपी हुई रहती है। जैसे – product name, cost, price, batch no., manufacturing date, expiry date, company name and details, etc. 

Input Device और Output Device में अंतर?

Input DeviceOutput Device
जिस डिवाइस के जरिए कंप्यूटर में इनपुट दिया जाता है, उन्हें इनपुट डिवाइस कहते है।इनपुट देने के बाद, जिस डिवाइस के जरिए यूजर को आउटपुट मिलता है, उन्हें आउटपुट डिवाइस कहते है।
यह यूजर से डाटा receive करके प्रोसेसर को send करता है।यह प्रोसेसिंग के बाद प्रोसेसर से डाटा receive करता है, और यूजर को send करता है।
यह यूजर से डाटा या निर्देश प्राप्त करता है।यह यूजर को डाटा या निर्देश प्रदान करता है।
यह हार्डवेयर डिवाइस होते है, जिनके द्वारा यूजर डाटा इनपुट करता है।यह हार्डवेयर डिवाइस होते है, जिनके द्वारा यूजर डाटा को प्राप्त करते है।
उदहारण :- कीबोर्ड, माउस, माइक्रोफोन, स्कैनर, लाइट पेन, आदि।उदहारण :- मॉनिटर, प्रिंटर, प्रोजेक्टर, स्पीकर, आदि।

तो दोस्तों, अब आप इनपुट device के बारे में सब कुछ जान गए होंगे। Input डिवाइस क्या है? Input डिवाइस के प्रकार? Input डिवाइस कौन कौन से होते है? इनपुट डिवाइस की परिभाषा क्या है? उम्मीद करता हूँ कि आपको हमारी ये आर्टिकल जरूर पसंद आई होगी। और हमारे द्वारा बताई गयी सभी बाते आपको समझ में भी आ गयी होंगी। अगर आपके मन में अभी भी किसी तरह का कोई सवाल है, तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते है। 


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