Ravichandran Ashwin :ने एकाएक संन्यास ले सबको चौंकाया, तरकश में बचे थे अब भी कई तीर 2024

Ravichandran Ashwin :भारत के मशहूर क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया है. अश्विन ने संन्यास की घोषणा ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में की है.सबसे पहले तो अश्विन के इस फ़ैसले ने इसलिए चौंकाया कि यह भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही सिरीज के ठीक बीच में लिया गया.

Ravichandran Ashwin :ने एकाएक संन्यास ले सबको चौंकाया, तरकश में बचे थे अब भी कई तीर 2024
Ravichandran Ashwin :ने एकाएक संन्यास ले सबको चौंकाया, तरकश में बचे थे अब भी कई तीर 2024

इसके अलावा यह फ़ैसला ऐसी सिरीज के बीच लिया गया जो भारत को 2025 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की दिशा में बढ़ाने वाली है.आइए देखते हैं कि अश्विन का करियर कैसा रहा हैपिछले 15 साल के दौरान क्रिकेट के हर फॉरमेट में भारत के एक ताक़तवर टीम के तौर पर उदय में अश्विन की भूमिका की तारीफ़ की जाती रही है.Ravichandran Ashwin

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अश्विन की ओर से लिए गए 765 विकेट तो उनकी गेंदबाजी की मजबूती की कहानी कहता ही है.

Ravichandran Ashwin :अश्विन के तरकश में थे कई तीर

Ravichandran Ashwin :टेस्ट मैचों में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में अश्विन सातवें नंबर पर हैं. स्पिनरों में वो मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न और अनिल कुंबले के बाद चौथे नंबर पर हैं.टेस्ट मैचों में भारत की ओर से जीते गए 106 में से 61 में वो खेले हैं.

घरेलू मैदानों में 47 और विदेश में 14. इन्हीं जीतों में उनके करियर की कहानी लिखी है.इन 61 जीतों में अश्विन ने 31 बार पांच विकेट लिए हैं. सात बार ऐसा हुआ है कि उन्होंने एक टेस्ट में पूरे दस विकेट लिए हैं.जीते गए इन सभी मैचों में वो स्ट्राइक बॉलर के तौर पर खेले हैं. ख़ास कर भारत में.अश्विन रविचंद्रन हरभजन सिंह के युग के बाद विरोधी टीमों के ख़िलाफ़ हमले की बागडोर थामने वाले संपूर्ण स्पिनर थे.Ravichandran Ashwin

पहले उन्होंने ये काम एमएस धोनी की कप्तानी में किया और फिर विराट कोहली के नेतृत्व में.अश्विन मूल रूप से एक टेस्ट मैच बॉलर रहे हैं, जिनके पास कई तरह का कौशल थे. एक गेंदबाज और बल्लेबाज, दोनों रूप में वो किसी मैच को पढ़ कर उसके मुताबिक़ खेल सकते थे.उनमें एक बल्लेबाज की तरह सोचने और एक गेंदबाज की तरह प्लान करने और फिर उसके मुताबिक़ खेलने का हुनर था.उनकी ऑफ स्पिनिंग का खजाना विविधताओं से भरा था.Ravichandran Ashwin

गेंद पर नियंत्रण, गेंद की गति में विविधता, ऑफ ब्रेक, आर्म बॉल और कैरम बॉल.साथ ही था चेन्नई के टेनिस बॉल क्रिकेट से निकला सुडोकु. इसमें वो अपनी बीच की उंगली से घुमा कर बॉल को लेग से ऑफ की ओर फेंकते थे.चार साल तक हरेक साल पचास विकेट उनकी कामयाबी की कहानी खुद बयां करता है.Ravichandran Ashwin

लेकिन टेस्ट मैच में 537 विकेट लेकर उन्होंने जो करिश्मा किया है, उससे वो इस खेल के महान खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं.साथ ही वो भारत के अब तक सबसे महान स्पिनरों में भी गिने जाने लगे हैंRavichandran Ashwin

Ravichandran Ashwin :शानदार गेंदबाज के साथ बेहतरीन बल्लेबाज भी

Ravichandran Ashwin :2011 के बाद इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में 4-0 से सिरीज की हार के बाद भारत ने विदेशी टीमों के लिए ऐसी पिचें बनाईं जो घुमावदार थीं. यानी ये स्पिनरों की मददगार थीं.ऐसे में अश्विन भारतीय गेंदबाजी का नेतृत्व करने के लिए बिल्कुल मुफ़ीद गेंदबाज थे.क्रिकेट के अपने ज्ञान, अनुशासन और बारीक तैयारियों की बदौलत वो अपने हुनर का बेहतरीन इस्तेमाल कर सकते थे. हर तरह से वो इस खेल के आदर्श विद्यार्थी थे.

हर सिरीज से पहले अश्विन पहले के खेले गए मैचों की हर गेंद को देखते थे.उनकी निगाहें सिर्फ विकेट ही नहीं बल्कि मैच की हरेक गेंद को वो परखती थीं. एक ऐप का इस्तेमाल कर वो वीडियो के जरिये सारे मैचों की हरेक गेंद को देखते थे.अश्विन और उनके खेल को मिल रही तारीफ़ के दौरान उनके खेल का एक और पहलू अनदेखा होने का ख़तरा हो सकता है.

और वो है उनकी बल्लेबाज़ी.उन्होंने अपना क्रिकेट करियर एक सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर शुरू किया था.इसलिए उन्होंने उन टेस्ट मैचों में अपने उस तकनीकी कौशल और मिज़ाज का भरपूर इस्तेमाल किया जहां टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों के साथ मिलकर पारी को खींचना था या फिर निचले क्रम की बल्लेबाजी को मजबूती देते हुए रन जोड़ने थे.

Ravichandran Ashwin :खुलकर बोलने में कोई सानी नहीं

Ravichandran Ashwin :अपने करियर के दौरान अश्विन ने अपनी एक ख़ास पहचान बनाए रखी.जैसे-जैसे भारतीय क्रिकेट का आकार विशाल और मजबूत होता गया इसने किसी व्यक्ति की ओर से उठाई गई आवाज़ को बंद करना शुरू कर दिया.लेकिन अश्विन खुल कर बोलने से नहीं हिचकिचाए. उन्होंने अपनी स्वतंत्र आवाज़ बरकरार रखी.कोविड महामारी फैलने और इसके दौरान प्रतिबंधों के बीच अपने खेल और काम को जारी रखते हुए उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया.

साल 2020-21 के ऐतिहासिक बॉर्डर गावस्कर सिरीज के दौरान इसकी व्यूअरशिप बढ़ कर 16.10 लाख तक पहुंच गई.उनके चैनल पर टीम के उनके साथी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के साथ उनके इंटरव्यू दिखाए गए. उनकी कुट्टी स्टोरीज फैन और दर्शकों को सिरीज की जीत के बाद एक तरह से ड्रेसिंग रूम में ले जाती थी.2024 में उन्होंंने अपनी आत्मकथा आई हैव द स्ट्रीट्स : अ कुट्टी क्रिकेट स्टोरी लिखी. निश्चित तौर पर ये उनकी आत्मकथा का पहला भाग था.Ravichandran Ashwin

ये किताब उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइन्फो के पत्रकार सिद्धार्थ मोंगा के साथ मिलकर लिखी थी.ये किसी भी समकालीन भारतीय क्रिकेट के लिए असाधारण बात थी कि वह भारत के लिए खेलना जारी रखते हुए अपनी ज़िंदगी के बारे में किताब लिख कर उसे प्रकाशित करवाए.लेकिन इस किताब में उन्होंने अपनी कहानी सिर्फ इंटरनेशनल क्रिकेट में खुद के आने तक सीमित रखी. ऐसा करके उन्होंने बीसीसीआई को भी परेशानी से बचाए रखा. Ravichandran Ashwin

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