इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? Intraday Trading Meaning Full Detail in Hindi 2025 दोस्तों पिछले अध्याय में हम सबने कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न तथा शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय के बारे में विस्तार से अध्ययन किया है | आज के इस अध्याय में हम सब इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading) के बारे में विस्तार से समझेंगे | आज के इस अध्याय में हम इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है, यह कितने प्रकार का होता है, तथा इंट्रा-डे का प्रयोग कर किस प्रकार से लाभ कमाया जा सकता है, इंट्राडे Trading के क्या क्या लाभ या हानि है, हम विस्तार से जानेंगे |

ट्रेडिंग क्या है ? – What is Trading
ट्रेडिंग को इनके होल्डिंग समय के अनुसार निम्न वर्गो में बाँटा गया है |
- इंट्राडे ट्रेडिंग (ट्रेड करना)
- स्केप्लिंग ट्रेड करना
- मार्जिन ट्रेडिंग करना
- मूहूर्त ट्रेड करना
- एल्गो ट्रेड करना
- डिलीवरी ट्रेड करना
- पोजीशनल ट्रेड करना
- स्विंग ट्रेड करना
- ऑप्शन ट्रेड करना
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading in Hindi)
जब कोई ट्रेडर किसी कंपनी के शेयर को खरीद कर उसी दिन लाभ या हानि में बेंच देता है या बेच कर उसी दिन खरीद लेता है अर्थात जब कोई ट्रेडर अपनी पोजिशन एक दिन में काट ले, ट्रेड को अगले दिन के लिए होल्ड नहीं करता है तो इस प्रकार के ट्रेडर, इंट्राडे ट्रेडर तथा इस तकनीक को इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading) कहा जाता है | इंट्राडे में ट्रेड करने वाले ट्रेडर एक दिन में ही अपने सौदे को काट लेते है, चाहे इन्हें लाभ हो रहा हो या हानि |
इंट्राडे Trading में ट्रेडर अपने पोजिशन को इंट्रा-डे के लिए ही ख़रीदा जाता है इसका लाभ यह होता है कि यदि आप ट्रेडिंग डे के अंत तक अपना पोजिशन काटना भूल जाये तो आपका ब्रोकर स्वतः ही सौदे को काट देता है |
चूँकि आप अपना सौदा स्क्वायर ओंफ(square off) करना भूल गए अतः ब्रोकर सौदे को स्क्वायर ओंफ(square off) करने का चार्ज लेता है जो सामान्यतः 50 रूपया होता है | इस लिए बेहतर है कि आप अपने ट्रेड को समय रहते square off कर लें ताकि आप ब्रोकर के चार्ज से बचे रहे |
इसे एक उदाहरण से समझाने का प्रयास करते है |
Intraday Trading जैसे मान लीजिये कि आप किसी कंपनी A के 100 शेयर को 500 रुपये पर खरीदना चाहते है | इसके लिए आपको 100 *500 = 50000 रुपये की आवश्यकता होगी | यदि आप किसी कंपनी में इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो ब्रोकर कंपनिया कुछ मार्जिन भी देती है जिससे ट्रेडर पूंजी से अधिक शेयर खरीद पाता है |
हम मान कर चलते है कि ब्रोकिंग कंपनी ने 50 प्रतिशत का मार्जिन दिया है तो अब ट्रेडर उतनी ही पूंजी 50,000 में दुगना शेयर अर्थात 100 के बजाय 200 शेयर खरीद सकता है |
ट्रेडर अपने टेक्निकल एनालिसिस के अनुसार शेयर को 500 पर खरीद कर 520 रुपये पर बेचना चाहता है | ट्रेडर के एनालिसिस के अनुसार 495 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाना ट्रेडर के रिस्क-रिवार्ड रेशियो ट्रेडर के हक़ में नज़र आता है |
अब यदि ट्रेडर अपने इस ट्रेड को लेता है तो टार्गेट हिट होने के बाद ट्रेडर का लाभ = 200520-200500 = 200*20 = 4000 रुपये |
यदि ट्रेड में ट्रेडर का स्टॉप लॉस हिट होता है तो ट्रेडर का नुकसान = 200500-200495 = 200*5 = 1000 |
इंट्राडे ट्रेडिंग मार्जिन(Intraday Trading Margin)
ब्रोकर कंपनिया अपने ग्राहकों को पूंजी से अधिक वैल्यू के शेयर में खरीद बिक्री की अनुमति देती है इसे मार्जिन(Margin) या लिवरेज (Leverage) कहा जाता है | इसे एक प्रकार का उधार माना जाता है जिसे इंट्राडे ट्रेडर अपने ब्रोकर से एक दिन के लिए लेता है | इसके लिए ब्रोकर कंपनिया आपसे कुछ ब्याज चार्ज करती है |
नए ट्रेडर को ब्रोकर कंपनी के मार्जिन का प्रयोग नहीं करना चाहिए | ट्रेडर जब मार्जिन का प्रयोग कर ट्रेड करता है तो सही जाने पर लाभ अधिक होता है लेकिन यदि आपका ट्रेड गलत हो गया तो आपको नुकसान भी बड़ा होता है | अर्थात जहाँ आपको 10 प्रतिशत का नुकसान होना होता है मार्जिन की वजह से यह 20 % हो जाता है जब आपका ब्रोकर 50 % मार्जिन देता है |
ब्रोकर कंपनिया 20 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक मार्जिन देती है | आप जितना मार्जिन उपयोग करेंगे आपका रिस्क उतना बड़ा होगा | ब्रोकर कंपनिया आपको मार्जिन केवल इंट्राडे Trading में देते है डिलीवरी में नहीं
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें(How to do Intraday Trading)
Intraday Trading यदि आप शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने के इरादे से बाज़ार में एंट्री करना चाहते है तो सबसे पहले आपको किसी भी ब्रोकर कंपनी से एक डीमेट अकाउंट खोलना पड़ेगा |
भारत में कई ब्रोकिंग कंपनिया है | कुछ डिस्काउंट ब्रोकर कंपनी है तो कुछ फुल सर्विस ब्रोकर कंपनी है | आप ब्रोकर कंपनी के वार्षिक चार्ज तथा ब्रोकिंग चार्ज के साथ बेहतर Trading प्लेटफार्म के सुविधा के अनुसार अपने ब्रोकिंग कंपनी का चुनाव कर सकते है |
इसके बाद आप अपने रिस्क क्षमता के अनुसार अपने बैंक खाते से डीमेट खाते में धनराशि को ट्रांसफर करना होगा | यदि आप नए निवेशक है तो हमारी सलाह है कि आप Trading की शुरुआत कम पूंजी से करें | आपको ट्रेडिंग करने से पहले “ट्रेडिंग कैसे करें” को सीखना होगा | डायवर्सिफिकेशन क्या है ?
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है(How Intraday Trading Works)
शेयर बाज़ार में ट्रेड करने वाले ट्रेडर का कार्य बहुत सीधा होता है | ये दो प्रकार से ट्रेडिंग करते है |
- शेयर को कम कीमत पर खरीद कर अधिक कीमत पर बेंचना
- शेयर को अधिक कीमत पर बेंच कर कम कीमत पर खरीदना
इंट्राडे में ट्रेड करना एक खतरनाक ट्रेडिंग है | यदि आपका एनालिसिस गलत हो जाता है तो आपका स्टॉप लॉस कट जायेगा तथा आपको बड़ा नुकसान उठाना पड सकता है | इंट्राडे में ट्रेड करना इसलिए भी और खतरनाक हो जाता है क्योंकि इसमें ट्रेड करने के लिए एक दिन का सिमित समय होता है |
यदि शेयर बाज़ार के प्राइस एक्शन को समझ जायेंगे तो आप टेक्निकल एनालिसिस को बेहतर तरीके से उपयोग कर पाएंगे |
कहने के लिए तो ट्रेडिंग बहुत आसान है कि शेयर को कम कीमत पर खरीकर अधिक कीमत पर बेंच दे या अधिक कीमत पर बेंच कर कम कीमत पर खरीद लें |
लेकिन इसकी बड़ी समस्या ये है कि शेयर कब ऊपर जायेगा या कब निचे जायेगा, ये किसी को पता नहीं होता है | जिस किसी को शेयर की चाल समझ आ गया वो ट्रेडिंग की दुनिया का बादशाह बन जाता है | आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम)
ट्रेडिंग करना कैसे सीखें (How to Learn Trading in Hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने से पहले आपको शेयर बाज़ार के बेसिक जैसे- शेयर क्या है, शेयर बाज़ार क्या है, शेयर बाज़ार में शेयर की कीमत कैसे ऊपर निचे होता है की जानकारी होना आवश्यक है |
यदि अपने शेयर बाज़ार के बेसिक को जान लिया है तो बाज़ार के चार्ट का टेक्निकल एनालिसिस, प्राइस एक्शन मूवमेंट, चार्ट पैटर्न , कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न, कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ साथ सपोर्ट, रेजिस्टेंस को अच्छे से समझना चाहिए | इन सबका अध्ययन कर लेने के बाद आपको ट्रेडिंग सीखने के क्षेत्र में अपना पहला कदम रखना चाहिए | शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग सीखने की शुरुआत आप निम्न स्टेप्स का पालन करने के पश्चात्, कर सकते है |
शेयर बाज़ार के बेसिक जानकारी को समझे
शेयर बाज़ार में आप ट्रेडिंग करना चाहते है या निवेश करना चाहते है तो आपको शेयर बाज़ार की बेसीक जानकारी को सीखना पड़ेगा जैसे –
- शेयर क्या है
- कोई कंपनी शेयर बाज़ार में कैसे लिस्ट होता है
- शेयर बाज़ार का नियामक सेबी कौन है
- शेयर बाज़ार क्या है |
- शेयर बाज़ार कैसे कार्य करता है
- शेयर बाज़ार में शेयर कैसे ऊपर निचे जाता है
- शेयर की कीमत-किन किन बातो पर निर्भर करती है
आम तौर पर नए ट्रेडर शेयर बाज़ार के बेसिक जानकारी को जाने बिना ही कैंडलस्टिक पैटर्न या सपोर्ट रेजिस्टेंस का प्रयोग कर ट्रेडिंग करने लगते है | लेकिन शेयर बाज़ार के बेसिक और टेक्निकल के अनुभव की कमी के कारण टेक्निकल एनालिसिस का सही से प्रयोग नहीं कर पाते है तथा अपना नुकसान करा लेते है | अंत में ये लोग शेयर बाज़ार को भला बुरा तथा जुआ बताकर औरों को शेयर बाज़ार से दूर रहने की सलाह बांटने लगते है |