RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने लगातार 11वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ में गिरावट और महंगाई के मोर्चे पर चुनौतियों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. यानी रेपो रेट 6.5% पर बरकरार है.
लेकिन, कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) को 50 बेसिस प्वाइंट घटाकर 4% कर दिया है. ये कटौतियां दो बार में होंगी, जो कि 14 दिसंबर और 28 दिसंबर से शुरू होने वाले पखवाड़ों में की जाएंगी. CRR कटौती से बैंकों के लिए 1.16 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ेगी.
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि 4, 5 और 6 दिसंबर के दौरान हुई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में MPC ने 4:2 मत से पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है.

RBI Monetary Policy | महंगाई ऊपरी सीमा के पार निकली
स्टैंडिंग डिपॉजिटि फैसिलिटी (SDF) 6.25% पर बनी हुई है और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने सर्वसम्मति से रुख को न्यट्रल रखने का फैसला किया है. यानी आगे जाकर दरों में नरमी की उम्मीद की जा सकती है. MPC ने ग्रोथ की रफ्तार में आई मंदी पर भी ध्यान दिया है. MPC का ग्रोथ आउटलुक लचीला बना हुआ है.
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि अक्टूबर में महंगाई की दर ऊपरी सीमा से बाहर चली गई है. फूड इंफ्लेशन तीसरी तिमाही में भी ऊंचा रहने और चौथी तिमाही से कम होने की संभावना है. गवर्नर ने कहा कि ऊंची महंगाई दर से लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए पैसा कम हो जाता है जिससे निजी खपत पर असर पड़ता है, जिसका प्रभाव रियल GDP पर पड़ता है.
RBI Monetary Policy | GDP ग्रोथ में गिरावट अनुमान से कहीं ज्यादा
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि बढ़ते संरक्षणवाद की वजह से ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक धुंधला हो गया है. दूसरी तिमाही में GDP में 5.4% की ग्रोथ हमारे अनुमान से काफी कम रही है. कम ग्रोथ मुख्य रूप से औद्योगिक विकास में आई मंदी के कारण है. मैन्युफैक्चरिंग में कमजोर प्रदर्शन, माइनिंग में गिरावट और बिजली की घटती डिमांड का ग्रोथ पर असर पड़ा है. पेट्रोलियम प्रोडक्ट लोहा और इस्पात और सीमेंट सेगमेंट में कमजोर गतिविधियां देखी गईं. गवर्नर ने कहा कि दूसरी तिमाही के निचले स्तर से औद्योगिक गतिविधि में सुधार की उम्मीद है.
RBI Monetary Policy | GDP ग्रोथ अनुमान घटाया
रिजर्व बैंक ने 2024-25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 6.6% कर दिया है, जो कि पहले 7.2% था. रिजर्व बैंक ने Q3 में 6.8%, Q4 में 7.2% का ग्रोथ प्रोजेक्शन दिया है. जबकि Q1 FY26 के लिए 6.9% और Q2 में ग्रोथ अनुमान 7.3% दिया है.
RBI Monetary Policy | महंगाई का अनुमान बढ़ाया
रिजर्व बैंक ने FY25 में रिटेल महंगाई दर (CPI) का अनुमान बढ़ाकर 4.8% कर दिया है, जोकि पिछली बार 4.5% था. Q3 में CPI का अनुमान 5.7%, Q4 में 4.5%, Q1 FY26 में 4.6% और Q2 FY26 में 4% का अनुमान है. इन अनुमानों से साफ है कि चौथी तिमाही में महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद है.
RBI Monetary Policy | GDP ग्रोथ पर कही ये बात
दूसरी तिमाही के निराशाजनक जीडीपी डेटा पर शक्तिकांत दास ने कहा कि फाइनेंशियल ईयर दूसरे क्वार्टर में जीडीपी ग्रोथ अनुमान से काफी कम रही. हालांकि उन्होंने कहा कि उच्च-आवृत्ति संकेतक बताते हैं कि घरेलू गतिविधि में मंदी दूसरी तिमाही के दौरान अपने निचले स्तर पर पहुंच गई है, जो आर्थिक रुझानों में स्थिरता का संभावित संकेत पेश करता है.
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