शेयर क्या है / What is Stock? Full Details in Hindi 2025

शेयर क्या है / What is Stock? Full Details in Hindi 2025 मेरे प्रिय पाठकों आप जब भी शेयर बाज़ार के बारे में सुनते होने तो अपने सुना होगा कि लोग शेयर खरीदने या बेचने की बात करते रहते है लेकिन क्या आप जानते शेयर क्या होता है, इसका निर्धारण कैसे किया जाता है? 

शेयर क्या है / What is Stock? Full Details in Hindi 2025
शेयर क्या है / What is Stock? Full Details in Hindi 2025

तो आईये आज के इस लेख शेयर क्या है / What is Stock? Full Details in Hindi में हम सब समझते है कि शेयर क्या होता है, कोई कंपनी अपने शेयर का निर्धारण कैसे करती है, कंपनिया अपने शेयर को क्यों बेचती है, कैसे बेचती है, के साथ साथ शेयर से जुड़े हर पहलू को हम विस्तार से जानेंगे |

शेयर क्या है / What is Stock? Full Details in Hindi

यदि किसी कंपनी की कुल पूंजी को अनेक सामान हिस्सों में बांट दिया जाय तो उस एक हिस्से को शेयर(Stocks)  कहा जाता है | एक शेयर उस कंपनी का सबसे छोटा हिस्सा होता है |

शेयर(Stocks) का सीधा तथा शाब्दिक अर्थ होता है हिस्सा | अतः आप किसी कंपनी के जितने शेयर खरीदते है तो  उसी अनुपात में कंपनी के हिस्सेदार हो जायेंगे |

शेयर के कीमत का आंकलन कैसे किया जाता है 

उदाहरण के लिए मान लीजिये कि KPIT Tech की कंपनी की कुल वैल्यू 10,000/- रुपये है तथा KPIT Tech कंपनी अपना आईपीओ (Initial Public Offer) लाकर कंपनी का कुछ हिस्सा बेचना चाह रही हो तो कंपनी पहले यह तय करती है कि उसे अपनी कंपनी के कुल कितने हिस्से(शेयर) करने है | मान लीजिये की कंपनी अपनी कंपनी के कुल 1000 हिस्से करना चाह रही है तो KPIT Tech कंपनी के एक शेयर का मूल्य = कुल वैल्यू /शेयरों की संख्या अर्थात 10000/1000 = 10 रूपया |

अब यदि आप KPIT Tech कंपनी के 1 शेयर(Stocks) खरीदेंगे तो आप KPIT Tech कंपनी के  1/1000 = 0.001 प्रतिशत के हिस्सेदार माने जायेंगे | कंपनी की कुल वैल्यू या पूंजी शेयर बेचने के बाद  शेयर कैपिटल (Share Capital) के नाम से जाना जायेगा |

शेयर में हिस्से का अर्थ(Meaning of share in share)

इसका साफ शब्दों अर्थ है कि आपने कंपनी के जितने प्रतिशत शेयर खरीदते है आप उतने ही प्रतिशत कंपनी पर अपना मालिकाना हक़ रखते है अर्थात कंपनी पर होने वाले लाभ तथा हानि पर भी आप उतने ही प्रतिशत हिस्सेदार होंगे |

जिस व्यक्ति के पास कंपनी के सर्वाधिक शेयर (Stocks) होते है, वे कंपनी को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सकते है | इन्हें ही कंपनी के प्रमोटर कहते है |

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कंपनी के पास पूंजी जुटाने के विकल्प

उपरोक्त आर्टिकल में हमने जाना कि शेयर क्या होता है तथा कंपनी में हिस्सेदारी का क्या अर्थ होता है | अब आप सोच रहे होंगे कि कोई कंपनी अपनी कंपनी के शेयर(Stocks) को क्यों तथा कैसे बेचती है | तो आईये इसे समझते है :–

किसी प्राइवेट कंपनी या पार्टनरशिप फर्म के शेयर(Stocks) उनके फाउंडर या पार्टनर्स के पास रहते हैं | जब इन कंपनियों को पहले से लिए गए ऋण को चुकाना हो या कंपनी खुद का विस्तार करना चाहती है तो इन्हें अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है

ऋण के माध्यम से (Through loan)

कम्पनियाँ पूंजी जुटाने के लिए बैंकसे ऋण ले सकती है परन्तु ज्यादातर कंपनियां ऋण कम से कम लेना चाहती है क्योंकि कंपनियों को इसके लिए अधिक दर पर व्याज देना पड़ता है, जिससे कंपनी का लाभ प्रभावित होता है |

आई0पी0ओ0 (Initial Public Offer) के माध्यम से

कंपनियां, पूंजी जुटाने के लिए अपनी कंपनी के शेयर(Stocks) को जनता में बेच सके, इसके लिए कंपनी अपना आई0पी0ओ0-IPO (Initial Public Offer) लेकर आती हैं | IPO लाने के बाद कंपनी के शेयर, शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध (listed) हो जाते हैं जहां पर सेकेंडरी मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री चालू हो जाती हैं | इस प्रकार कंपनी बिना कोई ब्याज दिए पूंजी जुटा लेती है |

इन दोनों विकल्प में ऋण लेना कंपनी के लिए नुकसान दायक तथा आईपीओ के माध्यम से शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध कराकर शेयर को बेचना लाभप्रद होता है | अतः कम पूंजी की आवश्यकता होने पर कंपनी ऋण लेना जबकि अधिक पूंजी की आवश्यकता होने पर कंपनी आईपीओ लाकर अपनी हिस्सेदारी बेचना पसंद करती है |

किसी कंपनी के शेयर कैसे खरीदे(How to Buy Shares of a Company)

स्टॉक मार्केट के शुरुआत में शेयरों की खरीद बिक्री एक बरगद के पेड़ के निचे मौखिक रूप से किया जाता था परन्तु समय के साथ शेयर बाज़ार का तथा शेयर खरीदने का तरीका बदल गया |

भारत के दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज सेंसेक्स(Sensex) तथा निफ्टी 50 (Nifty 50) शेयरों की खरीद तथा बिक्री सम्बन्धी सभी सुविधाए उपलब्ध कराती है | आज के समय में किसी भी कंपनी के शेयर आप कुछ ही सेकण्ड में खरीद सकते है |

अगर आप शेयर बाज़ार में लिस्टेड भी किसी कंपनी के फंडामेंटल तथा व्यवसाय को पसंद करते हैं और उस कंपनी के शेयर(Stocks) खरीदना चाहते हैं तो आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है | अच्छी कंपनी के शेयर खरीदना और उसमें लंबे समय तक निवेशित रहना एक बहुत ही बढ़िया निवेश माना जाता है |

डीमैट अकाउंट (Demat Account)

वर्तमान समय में बहुत सारे फुलटाइम ब्रोकर तथा डिस्काउंट ब्रोकर उपलब्ध है | आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी ब्रोकर के साथ अपना डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं | डिमैट अकाउंट को स्मार्टफोन या कंप्यूटर के माध्यम संचालित कर बड़ी आसानी से शेयर खरीद या बेच सकते हैं | लम्बी अवधि के लिए ख़रीदे गए शेयर(Stocks) इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होते हैं, जो आपके डिमैट अकाउंट में सुरक्षित रहते हैं |

शेयर वैल्यू ग्रोथ (Share value growth)

यदि आप द्वारा कोई शेयर(Stocks) ख़रीदा गया है तथा कुछ समय बाद उस शेयर का दाम ऊपर चला जाये तो इसे शेयर वैल्यू ग्रोथ कहा जाता है | यदि आप द्वारा कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस तथा टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद शेयर को उसके सपोर्ट पर खरीदारी की है तो आपको लम्बे समय तक निवेश करने पर बड़ा मुनाफा शेयर वैल्यू ग्रोथ के रूप में मिलेगा |

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